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पिता की अंतिम विदाई पर फूट-फूटकर रोए बॉलीवुड सिंगर:मास्टर सलीम ने उनकी आखिरी इच्छा पूरी की; पार्थिव देह श्मशान नहीं ले गए


मशहूर बॉलीवुड सिंगर मास्टर सलीम के पिता उस्ताद पूरण शाहकोटी को जालंधर में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। उस्ताद शाहकोटी को उनकी अंतिम इच्छा के मुताबिक देओल नगर में उनके घर के पास ही अंतिम विदाई दी गई। उस्ताद शाहकोटी की आखिरी इच्छा यही थी कि उनकी पार्थिव देह को श्मशान घाट न ले जाया जाए। उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए सैकड़ों लोगों के अलावा पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े लोग सलीम के घर पहुंच रहे हैं। इनमें कलेर कंठ, जी खान, राय जुझार, नवराज हंस, अफसाना खान, जसविंदर दयालपुरी, माशा अली, बूटा मोहम्मद, गुरलेज अख्तर शामिल रहीं। शाहकोटी का कल, सोमवार (22 दिसंबर) काे 72 साल की उम्र में निधन हो गया था। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। जैसे ही उनके निधन का पता चला तो उनसे संगीत सीखने वाले हंसराज हंस तुरंत घर पहुंचे। गुरू के दुनिया छोड़ने पर वह खूब रोते नजर आए। उस्ताद को अंतिम विदाई देने पहुंचे कलाकार... राय जुझार बोले- बहुत सॉफ्ट बोलते थे पंजाबी सिंगर राय जुझार ने बताया कि वह बहुत सॉफ्ट बोलते थे। कई बार दबका मारते तो इनका प्यार छिपा होता है। दबका भी सिखाने के लिए मारते थे। बड़े-बड़े आर्टिस्ट उन्होंने इंडस्ट्री को दिए है। यह घाटा कभी पूरा नहीं होगा। मैं डेढ़ साल पहले उनसे मिला था। सूफी सिंगर बोले- फकीरों जैसा व्यवहार था सूफी गायक मुकेश इनायत ने कहा कि पूर्ण शाह कोटी का जाना इंडस्ट्री को बहुत बड़ा घाटा है। हर व्यक्ति आज रो रहा है। उनको सुनकर हम बड़े हुए। वह हमारी इंडस्ट्री के सब कुछ थे। हमारी अक्सर उनसे मुलाकात होती रहती थी। वह हरेक को कहते थे कि अच्छा बोलना है। सबको अच्छा गाने की नसीहत देते थे। उनका व्यवहार फकीरों वाला था। कलेर कंठ बोले- उनके साथ सुनहरे पल बिताए पंजाबी सिंगर कलेर कंठ ने कहा कि हमने उस्ताद पूरन शाह कोटी के साथ सुनहरे पल बिताए हैं। वह हमें याद आते हैं तो भावुक हो जाते हैं। जब उनसे मिलने आते थे, तो गाने की बात करते थे, क्योंकि जो लोग संगीत को समर्पित है। उनसे जब मुलाकात होती है तो वह संगीत से ही बात करते थे। उनका बेवक्त जाना परिवार को बहुत बड़ा घाटा पड़ा है। संगीत जगत को घाटा है। मंत्री मोहिंदर भगत बोले- उस्ताद शाहकोटी का जीवन प्रेरणादायक मंत्री मोहिंदर भगत ने कहा कि पूरण शाहकोटी का जाना पंजाब और देश के लिए बड़े दुख की बात है। उस्ताद शाहकोटी ने संगीत के माध्यम से पंजाब का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया। उन्होंने उस्ताद के रूप शानदार सेवाएं दी। कई युवाओं को इंडस्ट्री से जोड़ा। जिसमें हंसराज हंस जिनका पूरी दुनिया में नाम है। उनके बेटे मास्टर सलीम एक है। उनका जाना बहुत दुखदायी है। उनकी कमी कभी पूरी नहीं हो सकती है। सिंगर हंसराज हंस, जसबीर जस्सी शागिर्द रह चुके, दोसांझ ने भी दुख जताया हंसराज हंस के अलावा सिंगर जसबीर जस्सी भी उस्ताद शाहकोटी के शागिर्द रह चुके हैं। उनके निधन पर जस्सी ने कहा- मैंने उस्ताद पूरण शाहकोटी को अपना उस्ताद धारण किया। उनके साथ मेरी हर मुलाकात पहली मुलाकात जैसी होती थी। गुरु का चले जाना बहुत दुखदायी होता है। मुहब्बत के उस्ताद पूरण शाहकोटी अपनी उस्तादी की महक फैलाकर चले गए। एक युग चला गया। शाहकोटी के निधन पर पंजाबी सिंगर और बॉलीवुड अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने कहा- पूरण शाहकोटी उन नेक रूहों मैं से एक थे, जिन्होंने अपनी पूरी लाइफ म्यूजिक इंडस्ट्री में लगा दी, जो अब वापस नहीं आएंगे। अंतिम विदाई से जुड़े पल-पल के अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए...

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