बॉलीवुड में मेहनत और सपनों की कोई कमी नहीं है, लेकिन यहां हर सफलता के पीछे कुछ अनकही कहानियां भी हैं। "जाने तू या जाने ना" से अपने मासूम अभिनय के लिए दिलों पर राज करने वाले इमरान खान ने एक चौंकाने वाला राज खोला है—अपनी डेब्यू से पहले, महज़ 22 साल की उम्र में, उनकी लिखी स्क्रिप्ट बिल्कुल बेशर्मी से चुरा ली गई थी। इमरान कहते हैं, “उन लोगों को मेरे परिवार के बारे में कुछ नहीं पता था। उनके लिए मैं बस सड़क से आया एक लड़का था। मैं पूरी तरह लाचार था”।
इंडस्ट्री की हकीकत से पहला सामना
साल 2005 की उस घटना को याद करते हुए इमरान बताते हैं कि कैसे कुछ कनेक्शनों के जरिए वे अपनी स्क्रिप्ट लेकर एक चैनल पहुंचे, लेकिन वहां उपस्थित लोगों ने उनकी मेहनत को ही अपना बना लिया। “उनकी नज़रों में मेरा कोई नाम, कोई पहचान नहीं थी, इसीलिए उन्होंने मेरी स्क्रिप्ट चुरा ली। मैं चाहकर भी उन पर आरोप नहीं लगा सका—मेरे पास कोई पावर नहीं थी,” इमरान ने साझा किया। अफसोस की बात है कि ऐसी घटनाएं नए और गुमनाम टैलेंट के लिए आम हैं।
संघर्ष के बाद मिली पहचान
स्क्रिप्ट चोरी जैसी ट्रैजेडी के बाद भी इमरान ने हार नहीं मानी। महीनों तक असिस्टेंट डायरेक्टर बनने की कोशिश की, तब किस्मत ने करवट ली। एक प्रोडक्शन से जुड़े व्यक्ति के जरिए उनकी मुलाकात निर्देशक अब्बास टायरवाला से हुई और "जाने तू या जाने ना" में लीड रोल उनके नाम हो गया—यही फिल्म थी जिसने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया।
हर नए टैलेंट को है सीखने की जरूरत
इमरान खान की ये कहानी हर युवा क्रिएटर को एक ज़रूरी संदेश देती है—हर संघर्ष का अंत होता है, बशर्ते हिम्मत न हारे! बॉलीवुड को चाहिए कि नए दीयों की रोशनी को बुझने न दे और सबको आगे बढ़ने का समान मौका मिले। क्योंकि हर "सड़क से आया लड़का," शायद कल का सुपरस्टार बन सकता है!



